स्मार्ट गंगा नगर योजना 2023: Benfits Of Smart Ganga City Scheme

स्मार्ट गंगा नगर योजना, Smart Ganga City Scheme, केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री और नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने उज्जैन और हैदराबाद से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से दस महत्त्वपूर्ण शहरों में स्मार्ट गंगा नगर योजना का शुभारंभ 13 अगस्त, 2016 को किया।

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स्मार्ट गंगा नगर योजना

इन दस महत्त्वपूर्ण शहरों के नाम हैं – हरिद्वार, ऋषिकेश, मथुरा-वृंदावन, वाराणसी, कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, पटना, साहबगंज और बैरकपुर आदि। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन  के अंतर्गत मलजल उपचार के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पहले चरण में इन शहरों को चुना गया है। इस योजना को संकर वार्षिकी पीपीपी मॉडल पर आधारित मोड पर किया जाएगा।

सुश्री उमा भारती ने कहा कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सहयोग से ही नमामि गंगे (Namami Gange) कार्यक्रम सफल हो पाया है। मंत्री ने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के शीघ्र कार्यान्वयन की निगरानी के लिए जिला-स्तर सलाह समितियाँ  गठित की जायेंगी। हालांकि पहले चरण में केवल दस शहरों को लिया गया है, लेकिन धीरे-धीरे अधिक से अधिक शहरों को इस लिस्ट में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और नगर निगम की भागीदारी ही इस कार्यक्रम की सफलता की कुंजी है।

देश के 10 शहरों स्मार्ट गंगा नगर योजना की शुरूआत:-

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स्मार्ट गंगा नगर योजना की शुरूआत

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के कैबिनेट मंत्रियों ने हाल ही में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देश के 10 प्रमुख शहरों में स्मार्ट गंगा सिटी परियोजना की शुरूआत की।

  • इन शहरों में हरिद्वार, ऋषिकेश, मथुरा-वृंदावन, वाराणसी, कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, पटना, साहिबगंज और बैरकपुर शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने सीवेज उपचार के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए हाइब्रिड एन्यूटी आधारित सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर कार्य हेतु प्रथम चरण में इन शहरों का चयन किया है।
  • पहले इस काम का खर्चा केंद्र और राज्य सरकार 70:30 के अनुपात में उठाते थे, लेकिन इस बार इस पूरे कार्यक्रम का सारा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।
  • कार्यक्रम के सुचारू कार्यान्वयन पर नजर रखने के लिए जिला स्तर पर भी निगरानी समितियों का गठन किया जाएगा।
  • देश की कई बड़ी कंपनियों के अलावा कई विदेशी कंपनियों ने भी हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पर काम करने की इच्छा जताई है।
  • पहले चरण में 10 शहरों को शामिल किया गया है, लेकिन धीरे-धीरे इसमें अन्य शहरों को भी शामिल किया जाएगा। अगले दो महीनों में कुछ अन्य शहरों में भी यह कार्यक्रम शुरू करने की योजना है।
  • इन 10 शहरों में यह कार्यक्रम करते समय इन शहरों की नदियों की जैव विविधता और उससे जुड़ी सांस्कृतिक विरासत का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

गंगा में गिरने वाले 7300 एमएलडी अपशिष्ट में से 4200 एमएलडी के उपचार के बारे में कार्रवाई शुरू हो गई है, शेष 3100 एमएलडी के बारे में सर्वेक्षण का काम चल रहा है, जिसे अगले 10 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।

स्मार्ट गंगा नगर योजना की महत्त्वपूर्ण बातें:-

  • स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (NMCG – National Mission for Clean Ganga) को मलजल उपचार के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पहले चरण में दस शहरों को चुनाव किया गया है।
  • इस स्कीम को संकर वार्षिकी पीपीपी मॉडल (Hybrid annuity mode based on PPP model) के आधार पर लागू किया जायेगा।
  • पहले चरण में केवल दस शहरों का चुनाव किया गया है, लेकिन धीरे-धीरे अधिक से अधिक शहरों को इसमें सम्मिलित किया जाना है।
  • पिछली योजनाओं में केंद्र और राज्यों द्वारा एसटीपी (STPs-Sewage Treatment Plants) स्थापित करने के लिए लागत-वहन का अनुपात 70:30 था परन्तु अब कार्यक्रम पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित किया जाएगा।
  • नमामि गंगे कार्यक्रम के शीघ्र कार्यान्वयन की निगरानी के लिए जिला स्तरीय समितियों का गठन किया जाना है।

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