क्यूसीआई द्वारा चयनित ग्राम प्रधान उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के ग्राम प्रधानों को बताएंगे कि गांवों का विकास कैसे करना है। क्यूसीआइ ने इसके लिए देश के जिन नौ ग्राम प्रधानों का चयन किया है उसमें हसुड़ी औसानपुर के ग्राम प्रधान दिलीप भी शामिल हैं। दिलीप को क्यूसीआइ के अध्यक्ष जक्षय शाह ने उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारी दी है कि वह उनकी क्षमता विकसित करें।
अम्बिका मिश्रा, सिद्धार्थनगर। हसुड़ी औसानपुर के ग्राम प्रधान दिलीप त्रिपाठी का चयन क्वालिटी कंट्रोल आफ इंडिया (क्यूसीआइ) के सरपंच संवाद के कार्यकारी समिति के लिए हुआ है। वह उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के ग्राम प्रधानों को बताएंगे कि गांवों का विकास कैसे करना है। इस समिति में दिलीप समेत कुल नौ सदस्यों को रखा गया है।
यह समिति देश के जिलों में जाकर ग्राम प्रधानों को जानकारी देगी कि वह गांवों का विकास कैसे करें। किन-किन बिंदुओं पर ध्यान दें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का। यह तभी संभव है जब भारत के सभी गांव गुणवत्तापूर्ण ग्राम बन जाएं।
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गांवों को गुणवत्तापूर्ण ग्राम बनाने की जिम्मेदारी भारत सरकार ने क्यूसीआइ को सौंपी है। क्यूसीआइ ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत ही देश के नौ ग्राम प्रधानों का चयन किया गया है और उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि गांवों को गुणवत्तापूर्ण बनाएं। ग्राम प्रधानों की क्षमता का संवर्धन करें। क्यूसीआइ ने इसके लिए देश के जिन नौ ग्राम प्रधानों का चयन किया है, उसमें हसुड़ी औसानपुर के ग्राम प्रधान दिलीप भी शामिल हैं। दिलीप को क्यूसीआइ के अध्यक्ष जक्षय शाह ने उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारी दी है कि वह उनकी क्षमता विकसित करें। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के ग्राम प्रधानों को गुणवत्तापूर्ण गांव के लिए प्रशिक्षित करें।
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क्या है क्यूसीआइ
क्यूसीआइ एक स्वायत्त संगठन है। यह भारतीय उत्पादों एवं सेवाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन करता है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी गई है।
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दिलीप की मेहनत का नतीजा है कि भनवापुर विकास खंड के हसुड़ी औसानपुर को तीन बार दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, तीन बार नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार मिल चुका है। कई देश व राज्यस्तरीय पुरस्कार मिल चुके हैं। गांव में ओपेन जिम, अंतरिक्ष प्रयोगशाला सहित बहुत कुछ मौजूद है। यह गांव अब कार्बन न्यूट्रल पंचायत बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। गांव में ग्रीन टेक टावर स्थापित कर दिया गया है। यह हवा में मौजूद कार्बन कण को एकत्रित करके हवा को शुद्ध करता है। दो वर्षों में गांव में 40000 पौधे लगाए जा चुके हैं। अभी गांव में बहुत कुछ ऐसा होना है तो कार्बन के उत्सर्जन को शून्य की तरफ ले जाएगा। लोग लंबी आयु व अच्छी सेहत के लिए सिर्फ हसुड़ी तरफ ही कदम बढ़ाएं।