सरकार ने ई-संजीवनी ओपीडी (E Sanjeevani OPD) की शुरुआत विशेष रूप से उन नागरिको के लिए करी है जिनको कोरोना महामारी के कारण चिकित्सको से परामर्श लेने में परेशानी हो रही थी। जैसा की बहुत सी अन्य डिजिटल योजनाओं में हो रहा है वैसे ही देश के सभी नागरिक कंप्यूटर और स्मार्टफोन से ही अच्छे चिकित्सको से मेडिकल काउंसलिंग कर सकते है।
इस प्रकार से ये स्कीम लोगों को घर से बाहर जाए बगैर ही चिकित्सको के परामर्श उपलब्ध करवा देगी। यहाँ से लोगों को बिना शुल्क दिए ही टेली-परामर्श सेवा मिल जाएगी। प्रतिदिन भारी मात्रा में लोग इस सेवा का लाभ ले रहे है। अब हम आपको लेख के अंतर्गत इस स्कीम के बार में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
E Sanjeevani OPD
योजना का नाम | ई-संजीवनी ओपीडी रजिस्ट्रेशन |
कार्यान्वक | स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार |
लाभार्थी | देश के नागरिक |
माध्यम | ऑनलाइन |
आधिकारिक वेबपोर्टल | http://esanjeevaniopd.in |
ई-संजीवनी योजना के उद्देश्य
देश के लोगों को सरकार ने अच्छी चिकित्सीय सेवा प्रदान करने के लिए ई-संजीवनी स्कीम को शुरू किया है। यह नागरिकों को मिलने वाली पहली ई-संजीवनी ओपीडी (आउट पेशेंट) काउन्सलिंग सर्विस है। सरकारी के दावे के अनुसार यह पहला अवसर है जब कोई देश अपने लोगो को इस प्रकार की सर्विस दे रहा है। इस स्कीम को राष्ट्रीय दूरसंचार सेवा भी कहा जाता है। इसके माध्यम से बीमारों को उनके घरों में ही मेडिकल सर्विस मिल जाती है। इस प्रकार से लोग अपने घरों से बाहर निकले बगैर ही डॉक्टर्स से परामर्श ले सकते है।
ई-संजीवनी ओपीडी
E Sanjeevani OPD में ऑनलाइन OPD के जरिये एक चिकित्सक और एक रोगी के मध्य सुरक्षित टेलीकंसल्टेंट सम्मिलित किया जाता है। ई-संजीवनी ओपीडी वेबपोर्टल को मोहाली में मौजूद सी-डैक ने डेवलप किया है। इस ओपीडी सेवा में चिकित्सको का पैनल सरकार तय करती है। यहाँ पर डिजिटल माध्यम से उन बीमारों को परामर्श मिलता है जिनका हॉस्पिटल में आना-जाना मुश्किल है।
ई-संजीवनी OPD की सहायता से रोगी व्यक्ति ऑनलाइन माध्यम से चिकित्सीय सलाह लेते है। और यह काम बिना किसी हॉस्पिटल जाकर ही पूरा हो जाता है। ऐसे लोगों के पैसे, समय और श्रम में बचत होगी और इस काम में पारदर्शिता भी बनी रहेगी। ई-संजीवनी एक चिकित्सक से चिकित्सक टेलीमेडिसिन सिस्टम है, जिसको सरकार की आयुष्मान भारत स्कीम के अंतर्गत 1,55,000 मेडिकल एवं वेलफेयर सेण्टर की राष्ट्रीय स्तर पर नियुक्ति होती है।
ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा पाने वाले लोगों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। इस स्कीम के लाभार्थियों की संख्या 5 करोड़ से भी अधिक हो चुकी है। देशभर से सुदूर इलाकों में निवास करने वाले निर्धन भी HWCS से विशेषज्ञ चिकित्सकों से सलाह ले रहे है। अधिक मात्रा में इस स्कीम से जुड़ने के लिए लोग ऐप और वेबपोर्टल से भी जुड़ते जा रहे है। यह प्लेटफार्म लोगों की हेल्थ को अच्छा करने में बहुत ही अच्छा काम कर रहा है।
स्कीम से जुड़ने की पात्रताएँ
- उम्मीदवार भारत की स्थाई नागरिकता रखता हो
- सभी वर्गों के लोगों को इस स्कीम का लाभ मिलेगा।
ई-संजीवनी स्कीम में शामिल सेवाएँ
- रोगी रजिस्ट्रेशन
- टोकन जनरेशन
- ऑनलाइन ओपीडी
- रीयल-टाइम टेलीमेडिसिन
- लाइन मैनेजमेंट
- चिकित्सक से ऑडियो-वीडियो परामर्श
- ई-प्रिस्क्रिप्शन
- SMS/ ईमेल सूचनाएं
- प्रदेश के चिकित्सको की सर्विस
- मुफ्त सर्विस
- पूर्णतया वर्गीकरण योग्य (दैनिक स्लॉट की संख्या, डॉक्टरों / क्लीनिकों की संख्या, प्रतीक्षा कक्ष स्लॉट, परामर्श समय सीमा आदि)।
ई-संजीवनी स्कीम के लाभ
- केंद्र सरकार की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा “ई-संजीवनी” बहुत जल्दी ही देश की सर्वाधिक प्रसिद्ध और विशालकाय टेलीमेडिसिन सर्विस बन चुकी है।
- देशभर एक चिकित्सकों, मरीजों एवं विशेषज्ञों द्वारा भारी मात्रा में प्रयोग किया जा रहा है।
- देश में तेजी से OPD को शुरू करने और स्वास्थ्य काउन्सलिंग देने के लिए ई-संजीवनी ओपीडी को शुरू किया गया है।
- अब लोगों को मेडिकल सर्विस के लिए भौगोलिक दूरी एवं समय सीमा के बंधन की चिंता नहीं रहेगी।
- नागरिको को और अधिक सुविधा देने के लिए ई-संजीवनी का एक और संस्करण डॉक्टर-टू-डॉक्टर टेलीमेडिसिन प्लेटफार्म की भी शुरुआत की गयी है।
- रक्षा मंत्रालय की ओर से कोरोना महामारी के दौरान भी पूर्व AFMS चिकित्सकों को ई-संजीवनी OPD शुरुआत करके देशभर के बीमार नागरिको को डिस्टेंस मेडिकल सर्विस देने के काम हो रहे है।
- देश में 701 जनपदों में नागरिकों ने ई-संजीवनी का प्रयोग किया है।
- इस स्कीम के लाभार्थियों में 56 प्रतिशत से ज्यादा महिला कैंडिडेट्स है। देश के 1 करोड़ रोगियों में से करीबन 0.5 प्रतिशत 80 साल या उससे ज्यादा की उम्र के है। तो दूसरी ओर करीबन 18 प्रतिशत से ज्यादा मर्ज 20 साल या फिर इससे ज्यादा आयु के है।
ई-संजीवनी स्कीम की मुख्य विशेषताएँ
- लाभार्थी अपने घरों में मेडिकल सर्विस लेते है।
- लोगों की सेहत पर विशेष ध्यान देते है।
- स्कीम की पात्रता रखने वाले लाभार्थीयों को ऑनलाइन माध्यम से चिकिसको के परामर्श फ्री में मिल जाते है।
- नागरिक डिजिटल स्वास्थ्य सेवा लेने लगते है।
ई-संजीवनी योजना की आवेदन प्रक्रिया
- सर्वप्रथम आपको योजना की आधिकारिक वेबसाइट http://esanjeevaniopd.in को ओपन करना है।
- वेबसाइट के होम पेज पर “Patient Registration” विकल्प को चुनना है।
- आपको अगला वेबपेज मिलेगा।
- यहाँ पर आपने मोबाइल नंबर, राज्य, जनरल ओपीडी अथवा स्पेशलिटी ओपीडी इत्यादि को चुनकर “Send OTP” बटन को दबा दें।
- आपको अपने मोबाइल नंबर पर ओटीपी मिलेगा जिसे दिए बॉक्स में दर्ज़ करने के बाद सत्यापित कर देना है।
- इसके बाद आपको स्क्रीन पर योजना सम्बन्धी आवेदन पत्र प्राप्त होगा।
- आवेदन फॉर्म में सभी विवरण सही प्रकार से भरना है।
- अब आपने अपने काउन्सलिंग के लिए टोकन की रिक्वेस्ट भेजनी है।
- यदि आपके पास आपका मेडिकल रिकॉर्ड है तो उसे अपलोड कर दें।
- ये प्रोसेस कर लेने के बाद आपको एक SMS के जरिये मरीज की आईडी एवं टोकन मिलेगा।
- इसके बाद आपको ई-संजीवनी OPD वेबपोर्टल के होम पेज पर “Patient Login” विकल्प को चुनना है।
- अब आपको एक लॉगिन फॉर्म मिलेगा
- इस लॉगिन फॉर्म में आपने टोकन नंबर अथवा रोगी आईडी को दर्ज़ करना है।
- इसके बाद आपने “Login” बटन को दबाना है।
- वेबपोर्टल पर लॉगिन होने के बाद आपको अपॉइंटमेंट पाने के लिए क्लिनिक का नाम दर्ज़ करना है।
- अगर आपके सामने और अपॉइंटमेंट होगी तो आपको एक सीरियल नंबर मिलेगा।
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अपॉइंटमेंट को बनाना
- आपके वेबपोर्टल पर अपने को सही प्रकार से लॉगिन कर लेने के बाद आपको अपने लिए क्लिनिक को खोजना है।
- इसके बाद आपको एक सीरियल नंबर मिल जायेगा।
- इसकी सहायता से आपने अपने चिकित्सक के साथ अपॉइंटमेंट लेनी है।
ई संजीवनी ओपीडी प्रतीक्षालय
- ई-संजीवनी ओपीडी आपको चिकित्सक की नियुक्ति देता है।
- आपको डॉक्टर मिलने के तुरंत बाद ही “अब कॉल करें” बटन एक्टिव हो जायेगा।
- रोगी के लिए यह जरुरी होगा कि 2 मिनट की टाइमिंग के भीतर ही “अभी कॉल करें” बटन को दबाना है।
- आपके 10 सेकंड में ही “अभी कॉल करें” बटन को दबाने पर डॉक्टर की वीडियो दिखाई देगी।
ई संजीवनी ओपीडी – काउन्सलिंग प्रक्रिया
- यह पर रोगी को अपने चिकित्सक से कॉउंसलिंग का अवसर मिलता है।
- इस काउन्सलिंग में चिकित्सक के पास रोगी का मेडिकल रिकॉर्ड को देखने की सुविधा होगी। (अगर वह अपलोड किया गया होगा)
- सबसे पहले अपने मोबाइल नंबर को वेरिफाई करवाए।
- अपने रजिस्ट्रशन के बाद अपना टोकन जेनेरेट कर ले।
- सूचना मिल जाने पर लॉगिन कर लें।
- अब अपनी बारी के लिए इंतजार करें और डॉक्टर की सलाह लें।
- रोगी को काउन्सलिंग देते समय चिकित्सक इलेक्ट्रॉनिक प्रिस्क्रिप्शन भी देता है।
- काउन्सलिंग प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद चिकित्सक ई-प्रिस्क्रिप्शन भेज देते है और कॉल समाप्त हो जाती है।
- अपना ई-प्रिस्क्रिप्शन डाउनलोड कर लें।
- कॉल के समाप्त होने पर ई संजीवनी ओपीडी मरीज को ई-प्रिस्क्रिप्शन को डाउनलोड करने का एक लिंक भी SMS से सेंड करता है।
ई-संजीवनी में रोगी की प्रोफाइल देखना
- सबसे पहले आप योजना की आधिकारिक वेबसाइट को ओपन कर लें।
- वेबपोर्टल के होम पेज पर “Patient Profile” विकल्प को चुनना है।
- वेबपेज पर मिले बॉक्स में अपना मोबाइल नंबर दर्ज़ कर लें।
- नंबर दर्ज़ करने के बाद आपको “Send OTP” बटन को दबाना है।
- अपने मोबाइल नंबर पर मिले ओटीपी को बॉक्स में दर्ज़ करना होगा।
- अब आपको मरीज की प्रोफाइल अपने स्क्रीन पर दिखाई देगी।
- रोगी अपनी इच्छानुसार इस प्रोफाइल को डाउनलोड प्रिस्क्रिप्शन अथवा “Add-Edit Family Members” कर सकते है।
समय देखने की विधि
- सबसे पहले रोगी योजना की आधिकारिक वेबसाइट को ओपन कर लें।
- वेबपोर्टल पर आपने “Timing” विकलप को चुनना है।
- इसके बाद आपने सभी राज्यों के नामों की लिस्ट में से अपने राज्य का नाम चुनना है।
- अपने राज्य के लिंक को चुनते ही आपको ओपीडी का समय कंप्यूटर स्क्रीन पर मिलेगा।
ई-संजीवनी ओपीडी ऐप को डाउनलोड करना
- सबसे पहले आप गूगल प्ले स्टोर को ओपन कर लें।
- वेबसाइट के सर्च बॉक्स में “eSanjeevaniOPD” की-वर्ड टाइप कर लें।
- सर्च बटन को दबाने पर आपको eSanjeevaniOPD मोबाइल ऐप स्क्रीन पर मिलेगा।
- आपने इस ऐप के नाम पर क्लिक करना है।
- इसके बाद ऐप के स्क्रीन पर इंस्टाल बटन के साथ आने पर आपको “Install” बटन को दबा दें।
- eSanjeevaniOPD ऐप के मोबाइल पर इंस्टाल होने के बाद ओपन कर लें।
ई-संजीवनी योजना के मुख्य बिंदु
- ई-संजीवनी ओपीडी एक प्रकार की वेब एप्लीकेशन है यद्यपि इसको एक उत्तरदायी वेब डिज़ाइन विचार के अनुसार विकसित किया गया है। इस वजह से इससे आशा कर सकते है कि ये डिवाइस के स्क्रीन के आकार, प्लेटफार्म एवं सेटिंग के हिसाब से रिस्पांस एन्ड परफॉर्मेंस दे सकता है।
- वेबपोर्टल का प्रयोग बड़ी स्क्रीन के कंप्यूटर, टैबलेट एवं स्मार्टफोन पर सुचारु रूप से होगा।
- आपको सभी प्रकार से चिकित्सक की कॉउंसलिंग लेने के लिए न्यूनतम 1 Mbps की इंटरनेट की स्पीड की सलाह दी जाती है।
- ध्यान रखें किसी भी लाभार्थी का सफल रजिस्ट्रेशन होने के बाद उसके नाम, उम्र, लिंग, पेसेंट आईडी, एड्रेस में बदलाव सम्भव नहीं हो सकेगा।
- सभी लाभर्थियों को एक 16 डिजिट की एक पेसेंट आईडी मिल जाएगी।
- इसी प्रकार प्रत्येक प्रिस्क्रिप्शन पर के यूनिक नंबर होगा।
- किसी खास प्रदेश के सम्बन्ध्ति लाभार्थी को उस राज्य के स्वास्थ्य विभाग से निर्धारित किये चिकित्सकों के पैनल में से किए एक से कनेक्ट किया जायेगा।