किसानों-के-लिए-टॉप-5-योजनाएं

भारत सरकार की किसानों के लिए टॉप 5 योजनाएं – आज ही उठाएं लाभ

भारत के काफी बड़े भू-भाग पर खेती की जाती है। आज भी देश के 60-70 फीसदी लोग खेती पर ही निर्भर हैं। वहीं किसानों के लिए महंगाई के इस दौर में खेती करना काफी चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। अधिकांश फसलें घटते भूजल के कारण सिंचाई अभाव में नहीं हो पाती वहीं किसानों की आर्थिक हालत कमजोर होने से वे आधुनिक खेती करने के लिए पैसा जुटा पाने में असमर्थ होते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और इन्हे सब्सिडी के तौर पर संबल प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित कर रखी हैं। 

किसानों के लिए सरकारी योजनाएं 2023

Government Scheme For Farmers 2023 , बता दें कि भारत सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कल्याणकारी योजनाएं लांच करती है। इसके पीछे सरकार का यही मकसद रहता है कि किसानों की आय दोगुना हो ताकि इनके जीवन स्तर में भी सुधार आ सके। जागरूक किसान इन योजनाओं का लाभ उठा कर और अधिक उन्नत तरीके से खेती करते हैं लेकिन जो अभी भी इन योजनाओं से अनजान बने हुए हैं वे यहां आत्मनिर्भर भारत योजनाए की इस पोस्ट में टॉप- 5 सरकारी योजनाओं के बारे में पूूरी जानकारी हासिल करें ताकि इन योजनाओं का लाभ समय रहते उठाया जा सके। ये प्रमुख पांच सरकारी योजनाएं हैं –

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
  • किसान सम्मान निधि योजना
  • किसान क्रेडिट कार्ड योजना
  • प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण
  • प्रधानमंत्री जनधन योजना

1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 

आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए इस उद्देश्य के साथ शुरू की गई ताकि वे प्राकृतिक आपदाओं से नष्ट या खराब होने वाली अपनी फसल की भरपाई के लिए सरकारी सहायता राशि का लाभ ले सकें। कभी बाढ़, कभी अकाल तो कभी आंधी-तूफान या ओलावृष्टि आदि के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं। ऐसे में किसान सहायता के लिए सरकार की ओर ताकता है। किसानों के इस दर्द को महसूस करते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लांच की। इसमें फसल की बुआई के पहले चक्र से लेकर फसल की कटाई के बाद तक का चक्र शामिल होता है। 

कैसे मिलता है फसल बीमा योजना का लाभ 

यहां आपको बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किस तरह से लाभ मिलता है। इस योजना में किसानों को उनकी फसल में होने वाले नुकसान का बीमा दिया जाएगा। यदि किसी किसान की फसल प्राकृतिक कारणों से नष्ट हुई है तो उन्हें इस योजना का लाभ प्रदान किया जाता है। वहीं मानवीय कारणों से नष्ट होने पर फसल का बीमा नहीं मिलता। पॉलिसी के तहत किसानों को खरीफ फसल के लिए 2 प्रतिशत और रबी फसल के लिए 1.5 प्रतिशत बीमा राशि दी जाती है। किसानों के लिए इसकी पात्रता यह है कि पहले आवेदक किसान किसी बीमा योजना का लाभ नहीं ले चुका हो। 

2. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 

किसानों के लिए सबसे लाभदायक योजना है किसान सम्मान निधि योजना। इसके कई फायदे हैं। बता दें कि इस योजना में किसान को साल में छह हजार रुपये की सहायता राशि बतौर किसान सम्मान निधि उनके खातों में भेजी जाती है। यह राशि तीन किश्तों में दी जाती है। इसके लिए किसान को ऑनलाइन पंजीयन कराना होता है। वहीं किसान होने के प्रमाण के तौर पर जमीन के कागजात जरूरी होते हैं। 

किसान सम्मान निधि योजना की पात्रता 

किसान सम्मान निधि के लिए सरकार ने आवश्यक पात्रता निर्धारत की है। इसके लिए छह हेक्टेयर जमीन का होना जरूरी है। इसके अलावा बंटाई किसानों के लिए हिस्सा प्रमाण पत्र, आधार कार्ड आदि शामिल है। 

3. किसान क्रेडिट कार्ड योजना 

यहां यह भी बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना किसानों के लिए बहुत उपयोगी है। इसमें कम ब्याज पर किसानों को कर्ज दिया जाता है। इसकी शुरूआत नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट ने की थी। अब यह किसान क्रेडिट कार्ड को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लिंक कर दिया गया है। केसीसी के माध्यम से किसानों को बहुत कम ब्याज पर ऋण भी प्रदान किया जाता है। इसमें 3 लाख रुपये तक का लोन 4 प्रतिशत ब्याज दर  पर  मिलता है। 

4. प्रधानमंत्री जनधन योजना

केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओंं में किसानों और आमजन के लिए एक  अन्य योजना है प्रधानमंत्री जनधन योजना। यह योजना गरीब व्यक्तियों को बैंकों से जोडऩे और इन्हे बचत के लिए प्रोत्साहित करने के लिए है।   इसमें जीरो बैलेंस पर खाता खोला जाता है। यह खाता बैंक और पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है। योजना के तहत खाताधारक को 1.30 लाख रुपये का लाभ दिया जाता है। इसके अलावा आपको दुर्घटना बीमा की सुविधा भी मिलती है। 

जन-धन योजना के लिए पात्रता 

प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत कौन लोग बैंक में खाता खुलवा सकते हैं? इस संबंध में बता दें कि इसके लिए आवेदक को भारत का नागरिक होना आवश्यक है। इसके अलावा उसकी न्यूनतम आयु 10 वर्ष होनी चाहिए। अधिकतम आयु कितनी भी हो। वहीं आवेदक बैंक खाताधारक नहीं होना चाहिए। यदि पहले से ही कोई खाता है तो उसका जनधन खाता नहीं खुल सकता। 

जनधन योजना में चाहिएं ये आवश्यक दस्तावेज 

प्रधानमंत्री जनधन योजना में खाता खुलवाने के लिए आपको निम्न लिखित दस्तावेज संलग्न करने होंगे-: 

  • अपडेट अपना आधार कार्ड 
  • पासपोर्ट आकार का फोटोग्राफ 
  • यदि आधार कार्ड नहीं हो तो इसके लिए पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस,  पैनकार्ड, वोटर आईडी या मनरेगा कार्ड में से कोई एक दस्तावेज होना आवश्यक है। 

5. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण

आज भी अनेक लोगों के पास अपना घर नहीं है। शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र ऐसे देश में लाखों लोग हैं जिन्हे आशियाने की जरूरत होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इनकी सरकार ने व्यवस्था की है कि कोई व्यक्ति बिना छत के नहीं रहे। इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना संचालित की है। यह शहरी और ग्रामीण दोनो क्षेत्रों के निवासियों के लिए लाभदायक है। यहां आपको प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के बारे में जानकारी दी जा रही है। इस योजना का उद्देश्य गांवों में रहने वाले उन लोगों को घर उपलब्ध कराना है जो बेघर हैं। वर्ष 2022 के लिए जारी इस योजना में लोन पर ब्याज की दर 6.5 प्रतिशत है। पीएम आवास योजना में 6 लाख रुपये तक का ऋण मिलता है। गौरतलब है कि पीएम आवास योजना ग्रामीण और शहरी दोनो ही क्षेत्रों के  गरीब लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराने की महती योजना है। 

पीएम ग्रामीण आवास योजना 2022 की विशेषताएं 

  • सबसे पहले इस योजना के  अंतर्गत 1 करोड़ आवास निर्माण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। 
  • ग्रामीण आवास योजना 2022 में आवास निर्माण के लिए जगह को 20 मीटर से बढ़ाकर 25 मीटर किया जाएगा। 
  • इस योजना में मैदानी क्षेत्रों में इकाई सहायता 1.20 लाख रुपये है और पर्वतीय क्षेत्रों में इकाई सहायता 1.30 लाख रुपये है। 
  • इस योजना की कुल लागत 1.30075 करोड़ है जो केंद्र और राज्य  सरकारों द्वारा  60 : 40 के अनुपात में वहन की जाएगी। 
  • ग्रामीण क्षेत्रों के परिवार का निर्धारण एसईसीसी 2011 के आंकड़ों  के आधार पर किया जाएगा। 
  • किसी राज्य में दुर्गम क्षेेत्र का वर्गीकरण राज्य सरकारों को करना होगा।  इस तरह का वर्गीकरण किसी अन्य प्रावधान के तहत राज्य में मौजूदा वर्गीकरण के आधार पर और मापदंड पर आधारित कार्यप्रणाली का प्रयोग करते हुए किया जाएगा। 
  • हिमाचल राज्य-जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड को भी इस श्रेणी में शामिल किया जाएगा।

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